संभल, अप्रैल 13 -- चन्दौसी। शहर में अब भले ही घास मंडी के नाम से बाजार हो, लेकिन अब यह पशुओं के लिए हरा चारा नहीं मिलता है। जहां पूर्व में दर्जनभर से अधिक दुकानें हरे चारे व भूसे की हुआ करती थीं। अब इस मंडी में केवल एक दो दिन दुकान ही रह गई हैं। दुकानें बंद होने से काफी लोग बेरोजगार हो गए हैं। शहर के घासमंडी में पहले हरे चारा व भूसा लेने के लिए लोगों की भीड़ लगी रहती थी। इस घासमंडी में हरे चारे के अलावा भूसा मिला करता था। सुबह से देर शाम तक पशुपालक अपने पशुओं को चारा लेने के लिए पहुंचते थे। काफी पशुपालक ऐसे भी थे जो स्वयं न ले जाकर दुकानदार से ही घर पर चारा पहुंचाने के लिए कह देते थे। इसके लिए दुकानदार अलग से रुपये लेता था और चारा दुकान पर काम कर रहे पल्लेदार से भेज देते थे। मंडी होने से काफी लोगों को रोजगार मिलता था। किसान अपने बैलगाड़ी,...