आगरा, मई 8 -- शराब विक्रेता एवं बार संचालकों का मानना है कि प्रदेश की नई आबकारी नीति घाटे का सौदा साबित हो रही है। मॉडल शॉप, वाइन, बीयर शॉप एवं बार के बीच किए गए अंतर के चलते यह स्थिति आने की आशंका है। इस संबंध में आगरा बार ओनर्स एसोसियेशन की तरफ से गुरुवार को आबकारी उपायुक्त को ज्ञापन सौंपा गया। विशेष रूप से नियम 5-2-10 (ग) छ (2) व (3) में संशोधन की मांग की गई। तर्क दिया गया कि नई नीति में निवेश और प्रोत्साहन को दरकिनार कर रोजगार सृजन को ध्यान में नहीं रखा गया है। साथ ही ब्रांज, सिल्वर, गोल्ड, डायमंड और प्लेटिनम कैटेगरी में विभाजित कर बार स्वामियों में असमानता पैदा की गई है। बार को ब्रांज कैटेगरी में रख मादक पदार्थ को क्रय करने का मूल्य एमआरपी पर कर दिया गया है। इससे बार स्वामियों को भारी घाटा होना तय है। रिटेल वालों के थोक क्रय मूल्य को...