घाटशिला, अक्टूबर 31 -- झारखंड की सियासत इन दिनों घाटशिला उपचुनाव के इर्द-गिर्द सिमट गई है। मतदान की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आ रही है, वैसे-वैसे राजनीतिक हलचल तेज होती जा रही है। अबतक मुकाबला झामुमो प्रत्याशी सोमेश सोरेन और भाजपा के बाबूलाल सोरेन के बीच देखा जा रहा था। लेकिन डुमरी विधायक जयराम महतो की पार्टी झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा (जेएलकेएम) की एंट्री ने इस समीकरण को और दिलचस्प बना दिया है। अब सियासी गलियारों में चर्चा है कि क्या जयराम महतो किसी एक का खेल बिगाड़ेंगे या फिर वे इस बार भी वोटकटवा की भूमिका में ही रह जाएंगे।ग्रामीण पृष्ठभूमि, बेरोजगारी और पलायन बने चुनावी मुद्दे घाटशिला विधानसभा की अधिकांश आबादी ग्रामीण है। यहां रोजगार का मुख्य साधन खनन, जंगल उत्पाद और छोटे व्यवसाय हैं। बड़ी संख्या में लोग दिहाड़ी मजदूरी और पलायन ...