रांची, जून 1 -- अड़की, प्रतिनिधि। अड़की प्रखंड के दक्षिण क्षेत्र अंतर्गत बिरबंकी पंचायत के घाघरा गांव निवासी पांडा लोहरा का जीवन 17 मार्च को आई आंधी-तूफान में बदल गया। आंधी से विशाल इमली का पेड़ गिरा और उसका छोटा-सा कच्चा घर पूरी तरह से ढह गया। उस दिन के बाद से पांडा लोहरा और उसका परिवार बेघर हो गया। कुछ दिन तक प्लास्टिक की झोपड़ी में गुजारा किया, फिर गांव के डीलर शंकर समद ने मानवता का परिचय देते हुए अपने घर के एक छोटे कमरे में रहने की अनुमति दी। अब वहीं पर पूरा परिवार किसी तरह से गुजर-बसर कर रहा है। बेबस परिवार किसी तरह भूख मिटाने को विवश: पांडा लोहरा की पत्नी रांड़ी देवी और दो बेटे- शंकर लोहरा व राड़सी लोहरा हैं। इनमें से बड़ा बेटा शंकर लोहरा हत्या के आरोप में खूंटी जेल में बंद है। बेल कराने के लिए उनके पास पैसे नहीं हैं। परिवार की हालत...
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