गुमला, सितम्बर 23 -- घाघरा, प्रतिनिधि । घाघरा का प्रसिद्ध देवी मंडप सैकड़ों वर्षों से आस्था का केंद्र बना हुआ है। 1932 के खतियान में इस स्थल को विधिवत चिन्हित किया गया था। इसी वजह से इस पथ का नाम देवी मंडप रोड पड़ा। यहां आदिवासी और सदान समुदाय सभी वर्गों के लोग मां की पूजा-अर्चना कर अपनी श्रद्धा अर्पित करते हैं। गांव के लोग दैनिक जीवन में भी देवी मंडप से जुड़ाव महसूस करते हैं। सुबह टहलने निकले लोग प्रायःयहां मत्था टेकते दिखाई देते हैं,जबकि कई लोग प्रवेश द्वार से ही हाथ जोड़कर नमन कर लेते हैं।नवरात्र के दौरान देवी मंडप का महत्व और बढ़ जाता है। खास कर महिलाओं की भारी भीड़ पूजा-अर्चना के लिए उमड़ती है। अष्टमी के दिन तो स्थिति और भी विशेष होती है। अहले सुबह से ही श्रद्धालु मंडप पहुंचना शुरू कर देते हैं ताकि भीड़ और धक्का-मुक्की से बचा जा सके।...
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