औरंगाबाद, सितम्बर 2 -- जाने-अनजाने अपराध में शामिल हो रही महिलाओं के पास जमानत के भी पैसे नहीं रह रहे हैं। ऐसे में मुफ्त विधिक सहायता रक्षा प्रणाली से उन्हें विधिक सहायता उपलब्ध कराई जा रही है। गंभीर अपराधों में शामिल महिलाओं को भी विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम की धारा 12 के तहत सहायता दी जा रही है। इसके तहत महिला और जेल में बंद कैदी को बिना आर्थिक स्थिति जांचे सहायता दी जाती है। इसी तरह एससी-एसटी वर्ग को भी निशुल्क विधिक सहायता मिलती है। सामान्य वर्ग के मामले में डेढ़ लाख रुपये प्रतिवर्ष आय से कम होने पर ही विधिक सहायता मिलती है। जानकारी के अनुसार वर्ष 2023-24 में इसकी शुरुआत हुई थी जिसमें 53 लोगों को विधिक सहायता उपलब्ध कराई गई। 2024-25 में 193 मामले आए जिसमें विधिक सहायता दी गई है। इसके अलावा न्यायालय और औरंगाबाद मंडल कारा से भी दर्जनों...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.