नई दिल्ली, जून 22 -- निर्वाचन आयोग ने बिहार विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची में संशोधन के दौरान घर-घर जाकर गहन सत्यापन करने की योजना बनाई है। जानकारी के मुताबिक कई सिविल सोसाइटी संगठनों, राजनीतिक दलों और अन्य लोगों ने वोटर लिस्ट में नामों को शामिल करने और हटाने पर सवाल उठाए थे। चुनाव आयोग पर बीजेपी की मदद करने के भी आरोप लगाए गए थे। ऐसे में बिहार चुनाव से पहले ईसीआई ने यह बड़ा फैसला लिया है। अधिकारियों का कहना है कि पूरी प्रक्रिया का पालन करने और नियमों के मुताबिक नामों को शामिल करने और हटाने के बाद भी चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए जाते हैं। कांग्रेस समेत कई दलों ने आयोग पर भाजपा की मदद करने के लिए आंकड़ों में हेराफेरी करने का आरोप लगाया है। अधिकारियों ने अफसोस जताया कि विस्तृत प्रोटोकॉल का पालन करने के बावजूद आयोग पर मतदाता सूची में म...