नई दिल्ली। निखिल पाठक, सितम्बर 8 -- दिल्ली में एक राशन दुकानदार के खिलाफ दर्ज मामले में अधिकारियों की लापरवाही सामने आई है। घर-घर जाकर हुई जांच में अधिकारियों की पोल खुलने के बाद द्वारका जिला अदालत ने राशन दुकान मालिक सत्य नारायण अग्रवाल को आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत दर्ज मामले में बरी कर दिया है। अदालत ने पाया कि विभागीय निरीक्षण टीम की रिपोर्ट में खामियां थीं। साथ ही घर-घर जाकर की गई जांच तथा कार्डधारकों की गवाही से यह साबित हो गया कि आरोप उचित नहीं थे। अदालत ने कहा कि जांच में दुकान के स्टॉक की हर बोरी नहीं तौली गई। केवल एक बोरी तौलकर शेष का आकलन औसत आधार पर कर दिया, जो नियमों के अनुरूप नहीं है। न्यायिक मजिस्ट्रेट ऋषभ कपूर की अदालत ने आदेश में कहा कि औसत से की गई तौल और बिना ठोस सबूत की रिपोर्ट पर आपराधिक मुकदमा नहीं टिक सकता। सस्पेंड...
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