लखनऊ, अगस्त 7 -- राज्य सरकार ने ग्रामीण क्षेत्र में तैयार की जा रही घरौनी को कानूनी मान्यता दे दी है। ग्रामीण क्षेत्रों में घरौनी ही संपत्ति का दस्तावेजी सुबूत माना जाएगा और इसके आधार पर बैंकों से कर्ज लिया जा सकेगा। इसके आधार पर ही संपत्तियों में नाम दाखिल-खारिज कराया जा सकेगा। इसके लिए उत्तर प्रदेश ग्रामीण आबादी अभिलेख विधेयक-2025 के प्रारूप को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है, अब इसे विधानमंडल में रखा जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई कैबिनेट की बैठक में यह फैसला हुआ। कैबिनेट फैसले के आधार पर उत्तराधिकार, रजिस्ट्रीकृत विक्रय विलेख, रजिस्ट्रीकृत उपहार विलेख, सरकार या सरकारी उपक्रम द्वारा की गई नीलामी, भूमि अधिग्रहण, रजिस्ट्रीकृत वसीयत, न्यायालयीन डिक्री, विभाजन या उपविभाजन मान्य होगा। लिखित पारिवारिक समझौते से ...