नई दिल्ली, अगस्त 16 -- बहुत सारे लोग आज भी यह मानने को तैयार नहीं कि सोशल मीडिया एक गंभीर माध्यम है। हालांकि, यह न सिर्फ सूचनाओं के त्वरित प्रसार का सबसे सशक्त माध्यम बन गया है, बल्कि 'ओपिनियन मेकर' यानी जनमत-निर्माण में भी बेहद प्रभावी भूमिका निभाने लगा है। पश्चिम के राजनेताओं ने इसकी इस ताकत को डेढ़ दशक पहले ही भांप लिया था और अब तो अपने देश में भी सबको सोशल मीडिया टीम बनानी पड़ रही है। फिर भी, इसकी बदलावकारी भूमिका को स्वीकार करने को लोग तैयार नहीं। मगर वर्षा सोलंकी की कामयाबी बताती है कि मन में लगन हो, तो सोशल मीडिया के सहारे भी मंजिल पाई जा सकती है। आज से करीब 40 साल पहले मुंबई के एक गरीब परिवार में वर्षा पैदा हुईं। होश संभाला, तो आस-पास की विसंगतियों को देखकर समझ में नहीं आता था कि आखिर ऐसा क्यों है? उनकी उम्र के दूसरे बच्चों के पास...