नई दिल्ली। हेमलता कौशिक, जुलाई 5 -- दिल्ली हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण आदेश में कहा है कि एक छत के नीचे रहने वाले ही घरेलू हिंसा के मामलों में आरोपी बनाए जा सकते हैं। संबंधित घर से दूर रहने वालों को आरोपी नहीं बनाया जा सकता। जस्टिस मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा की बेंच ने घरेलू हिंसा कानून की व्याख्या करते हुए कहा कि बेशक रिश्ता कितना भी करीबी क्यों ना हो। जब तक ये रिश्तेदार एक घर या एक छत के नीचे नहीं रहते इनके खिलाफ घरेलू हिंसा का मुकदमा नहीं चलाया जा सकता। बेंच ने कहा कि घरेलू हिंसा का दायरा घर में साथ रहने वालों तक सीमित है। परिवार के अलग रह रहे सदस्यों को इसमें जबरन घसीटा नहीं जा सकता। इसके साथ ही बेंच ने एक महिला की सास, देवर और देवरानी को घरेलू हिंसा का आरोपी बनाने की याचिका को खारिज कर दिया। बेंच ने कहा कि निचली अदालत ने उचित निर्णय लेते...