देवघर, अगस्त 29 -- देवघर। जैन मंदिर देवघर प्रांगण में शुक्रवार को दशलक्षण महापर्व के दूसरे दिन उत्तम मार्दव धर्म मनाया गया। वहीं प्रथम अभिषेक व शांतिधारा आईएएस अशोक जैन व रवि जैन ने किया। इसके बाद सामूहिक पूजन, दशलक्षण पूजन, उत्तम मार्दव धर्म पूजन, जिनवाणी पूजन हुई। शाम में आरती हुई, उसके बाद शास्त्र वाचन हुआ। मौके पर उत्तम मार्दव धर्म के बारे में पंडित ज्ञानचंद्र जैन ने बताया कि मान कषाय अर्थात घमंड के अभाव में मार्दव धर्म प्रकट होता है। मान महाविष रूप, करहीं नीच गति जगत में। कोमल सुधा अनूप सुख पावे प्राणी सदा। मान कषाय अर्थात घमंड,अहं और मैं सबकुछ हूं के पूर्ण अभाव होने पर ही मार्दव धर्म प्रकट होता है। कहते हैं मान (घमंड) हलाहल जहर के समान है और नरक आदि नीच गति का कारण है। कोमलता विनम्रता अर्थात मार्दव धर्म अमृत के समान है और उसको धारण ...