नई दिल्ली, दिसम्बर 12 -- भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) जस्टिस सूर्यकांत ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में एक ऐतिहासिक घोषणा की। उन्होंने कहा कि जनवरी 2026 से हर केस में वकीलों की मौखिक दलीलों के लिए सख्त समय सीमा लागू की जाएगी। इसका उद्देश्य न्यायिक समय का समान बंटवारा सुनिश्चित करना है ताकि गरीब और साधारण मुवक्किलों के मामले भी निर्धारित तारीख पर सुने जा सकें। CJI ने यह टिप्पणी पूरे देश में जारी मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) से जुड़ी कई जनहित याचिकाओं (PIL) की सुनवाई के दौरान की। बेंच के सामने कई वरिष्ठ अधिवक्ता लंबी-लंबी दलीलें दे रहे थे, तभी CJI ने कहा- जो हो रहा है वह पूरी तरह अन्यायपूर्ण और असंगत है। एक गरीब व्यक्ति मोटर दुर्घटना मुआवजे या जमानत के लिए अदालत आता है, लेकिन कुछ मशहूर वकीलों की घंटों-घंटों दलीलें देने की ...
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