आशीष धामा, अगस्त 14 -- कैग रिपोर्ट में औद्योगिक नगरी के रूप में विकसित होने की बजाय ग्रेटर नोएडा को एक रिहायशी टाउनशिप में तब्दील करने का भी दावा किया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, वर्ष 2021 की महायोजना को न तो एनसीआर प्लानिंग बोर्ड की स्वीकृति मिली थी और न ही इसकी अहम शर्त जैसे जनसंख्या घनत्व, हरित क्षेत्र का संरक्षण के लिए नियमों का पालन किया गया। प्राधिकरण ने इसके बावजूद इस योजना को लागू कर दिया।राजस्व हानि और औद्योगिक विकास दोनों प्रभावित कैग रिपोर्ट में बताया गया कि वर्ष 1991 से 2021 तक कुल 2,580 औद्योगिक भूखंडों का आवंटन किया गया, लेकिन इनमें से केवल 52 फीसदी पर ही उद्योग लग पाए। शेष 48 फीसदी भूखंडों पर न तो उद्योग लगे और न ही किसी तरह की सख्ती बरती गई। 972 आवंटियों को तो नोटिस तक जारी नहीं किए गए। उल्टे भूखंडों की बिक्री को बढ़ावा दिय...