मुरादाबाद, फरवरी 16 -- ग्रीन हाइड्रो एनर्जी का जीरो कार्बन एनर्जी जनरेशन के लक्ष्य में अनमोल योगदान है। ऐसे में यदि यह कहें कि हाइड्रोजन एनर्जी भविष्य का ईंधन है तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी। वैश्विक स्तर पर मात्र छह प्रतिशत ही हाइड्रोजन एनर्जी का उपयोग हो रहा है। हाइड्रोजन एनर्जी निर्माण में नैनो टेक्नोलॉजी बहुपयोगी है, लेकिन हाइड्रोजन एनर्जी बहुत महंगी है। दुनिया का लक्ष्य 2031 तक एक किलोग्राम ग्रीन हाइड्रोजन की कीमत को एक डॉलर में लाना है। ग्रीन हाइड्रोजन एनर्जी से लाभ ही लाभ है। टीएमयू के फैकल्टी ऑफ इंजीनियरिंग (एफओई) की ओर से मैटेरियल्स एंड डिवाइसेज पर आयोजित दो दिनी पांचवीं नेशनल कांफ्रेंस में देशभर के विशेषज्ञों का यही सार है। नेशनल कांफ्रेंस एनसीएमडी 2025 के चार सत्रों में 98 रिसर्च पेपर्स, जबकि 36 पोस्टर प्रस्तुत किये गए। रिसर्च ...
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