मैनपुरी, अक्टूबर 11 -- ग्रामीण सार्वजनिक शौचालयों को हर हाल में खोला जाएगा। ग्रामीणों के लिए बेहतर शौचालय बनाने की कोशिश होगी। यदि शौचालयों में ताला लगा या व्यवस्थाएं अनुरूप नहीं पायी गईं तो संबंधित प्रधान और वहां के सचिव के खिलाफ कार्रवाई होगी। जिला स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण समिति की बैठक में इस आशय के दिशा निर्देश डीएम अंजनी कुमार सिंह की ओर से दिए गए हैं। बैठक के बाद डीपीआरओ ने प्रधानों और सचिवों को पत्र जारी किया है और निर्देश दिए हैं कि सार्वजनिक शौचालयों की व्यवस्था स्थानीय स्वयं सहायता समूहों के हवाले की जाए। डीपीआरओ की ओर से भेजे गए पत्र में जानकारी दी गई है कि शौचालयों की देखरेख करने वाले स्वयं सहायता समूह या केयर टेकर को देखरेख से जुड़ा बजट समय रहते दिया जाए। एक शौचालय की देखरेख के लिए छह हजार रुपये प्रतिमाह का बजट दिया जा रहा है...