पूर्णिया, अक्टूबर 16 -- जलालगढ़, एक संवाददाता।कृषि विज्ञान केंद्र जलालगढ़ परिसर में बुधवार को चल रहे दीर्घकालिक देसी प्रशिक्षण कार्यक्रम में 40 प्रशिक्षणार्थियों ने भाग लिया। यह प्रशिक्षण मार्च 2025 से शुरू हुआ है और 48 सप्ताह बाद मार्च 2026 में पूरा होगा। इस कार्यक्रम का उद्देश्य ग्रामीण युवाओं को कृषि आधारित आत्मनिर्भरता और कृषि उद्यमिता से जोड़ना है। कार्यक्रम में कटिहार कृषि विज्ञान केंद्र के वरीय वैज्ञानिक मृणाल बर्मा ने कृषि यंत्र बैंक और कस्टम हायरिंग सेंटर की अवधारणा पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यंत्र बैंक की स्थापना से किसान समय पर खेती के लिए आवश्यक मशीनें आसानी से प्राप्त कर सकते हैं, जिससे श्रम पर निर्भरता कम होती है और लागत में कमी आती है। डॉ. सुशील कुमार सिंह ने गेहूं की उच्च क्यारी विधि से खेती के लाभ समझाए। ...