मधुबनी, मार्च 24 -- मधुबनी जिले में करीब पांच हजार से अधिक ग्रामीण चिकित्सक हैं। जिले के सभी 21 प्रख्ंाडों के 388 पंचायतों में इन ग्रामीण चिकित्सकों की सेवा बीमारों को मिलती है। अंधेरी रात में सुनसान राह से गुजरकर बीमार लोगों का इलाज करते हैं। चिलचिलाती धूप की गर्मी हो या कड़ाके की सर्दी, आंधी हो या तूफान ये लोग अनवरत अपनी सेवा मरीजों को उपलब्ध कराते हैं। कई बार तो गोल्डेन आवर में भी ग्रामीण चिकित्सकों की भूमिका इतनी महत्वपूर्ण हो जाती है कि अगर वे समय से बीमार मरीजों का प्राथमिक उपचार नहीं करें तो वैसे मरीजों की जान बचना भी मुश्किल हो जाता है। इसके साथ ही ग्रामीण चिकित्सक कई चुनौतियों से जूझ रहे हैं। इनका कहना है कि उनकी व्यथा सुनने वाला कोई नहीं है। सरकार की अदूरदर्शिता की वजह से समाज में उचित मान सम्मान के बदले उनलोगों को झोला छाप, नीम ...
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