संभल, जून 15 -- ग्रामीणों क्षेत्रों में जल संरक्षण के लिए अमृत सरोवरों को निर्माण कराया गया था। इनके निर्माण में लाखों रूपये खर्च किए गए थे। देखभाल के अभाव में यह अब खत्म होने के कगार पर है। यह अमृत सरोवर बूंद-बूंद के लिए तरस रहे हैं। अगर मत्स्य विभाग को ठेके पर दिए जाएं तो यह अमृत सरोवर अपनी पहचान बनाए रख सकते हैं। गावों के विकास और पर्यावरण संरक्षण के लिए हरा भरा परिसर और जल संरक्षण के लिए लाखों रुपए खर्च करने के बाद भी अमृत सरोवर बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं। अगर पानी है तो चारो ओर गंदगी फैली हुई और यह अमृत सरोवर बदहाल स्थिति में बने हुए हैं। ऐसे में केंद्र और प्रदेश सरकार की योजना को पलीता लगा रहा है। गांव बनियाखेड़ा के अमृत सरोवर की स्थिति बदहाल बनी हुई है। प्रधानमंत्री मोदी ने गावों की खुशहाली पर्यावरण और जल संरक्षण के लिए अमृत...
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