लखनऊ, दिसम्बर 4 -- विकसित यूपी @2047 की तैयारी के तहत आयोजित परामर्श बैठक में सरकार की ओर से संकेत दिया गया कि आगामी वर्षों में आयुष डॉक्टरों की भूमिका प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था की रीढ़ बनेगी। बैठक में केंद्रीय प्रस्ताव यही रहा कि नए उत्तीर्ण आयुष डॉक्टरों की ग्रामीण व दूरस्थ क्षेत्रों में अनिवार्य नियुक्ति को नीतिगत रूप दिया जाए, ताकि उन इलाकों में भी इलाज और वेलनेस सेवाएं उपलब्ध हो सकें जहां अब तक विशेषज्ञ चिकित्सा नहीं पहुंच पाई है। प्रमुख सचिव आयुष रंजन कुमार ने स्पष्ट कहा कि आयुष को प्रभावी बनाना तभी संभव है जब दूर-दराज गांवों में प्रशिक्षित डॉक्टरों की नियमित मौजूदगी सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि नई पीढ़ी के आयुष डॉक्टरों की तैनाती ग्रामीण स्वास्थ्य तंत्र को नई दिशा देगी और राज्य की स्वास्थ्य असमानता को कम करेगी। इसी क्रम में...