सिमडेगा, मार्च 17 -- सिमडेगा, दीपक रिंकू। जिले की अर्थव्यवस्था वनोत्पाद पर निर्भर है। वनोत्पाद महुआ का मौसम आते ही जिले के विभिन्न हिस्सो से जंगल में आग लगने की खबरे मिलना शुरू हो जाती है। बताया गया कि ग्रामीण जंगल में महुआ चुनने के लिए आग लगाते है ताकि महुआ चुनने में असानी हो। ग्रामीणों के वर्त्तमान लाभ के लिए जंगल और पर्यावरण को र्दीघकालिन नुकसान हो रहा है। जंगल में आग से जंगलों के छोटे पौधों और छोटे जीव जन्तु को नष्ट हो रहे है। पर्यावरण विदों की माने तो अभी जंगल में सखुआ पेड के प्रजनन का समय होता है। नए पौधों के लिए बीज जमीन पर गिरते हैं। जो पहली बारिश के बाद अंकुरन होते हैं। लेकिन ग्रामीणों द्वारा लगाए गए आग उन बीजों को नष्ट कर देता है। यही कारण है कि जंगल का घनत्व दिनो दिन कम हो रहा है। वन विभाग की टीम लगातार ग्रामीणों से जंगल में आग...
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