नई दिल्ली, सितम्बर 7 -- 7 सितंबर की रात को चंद्रग्रहण लगेगा और उसका सूतक काल शुरू हो चुका है। सूतक काल के समय मंदिरों के पट बंद कर दिए जाते हैं और उनके दर्शन-पूजन का समय बदल जाता है। लेकिन कुछ मंदिर ऐसे भी हैं जिन पर मान्यतानुसार ग्रहण काल के सूतक का कोई असर नहीं होता। इन मंदिरों को भगवान के दर्शन-पूजन के साथ ही भक्तों के लिए भी खुला रखा जाता है।उज्जैन का महाकालेश्वर मंदिर शिव के 12 ज्योतिर्लिगों में से एक उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर के पट ग्रहणकाल के दौरान बंद नहीं होते। स्वयंभू महाकाल स्वरुप भगवान शिव के ऊपर ग्रहण का कोई असर नहीं होता। इसलिए इस मंदिर के कपाट ग्रहण में बंद नहीं किए जाते हैं।कालका जी मंदिर दिल्ली में बने कालका जी मंदिर के कपाट ग्रहण काल के दौरान कभी बंद नहीं होते। मान्यता है कि कालका देवी को कालचक्र की स्वामिनी हैं। इन्ही...