लखीसराय, जून 17 -- लखीसराय। एक प्रतिनिधि जिले की ऐतिहासिक लखीसराय गौशाला जिसकी स्थापना वर्ष 1892 में गौ सेवा के उद्देश्य से की गई थी, आज अस्तित्व के संकट से जूझ रही है। गौशाला में इस समय 250 से अधिक गायें रह रही हैं, जिनमें करीब 150 गायें विभिन्न थानों द्वारा जब्त की गईं हैं। इन बाहरी गायों के कारण न केवल व्यवस्था पर भार बढ़ गया है, बल्कि पहले से रह रही 30 दुधारू गायों और 50 देशी नस्ल की गायों के समुचित देखभाल में भी बाधा उत्पन्न हो रही है। गौशाला में वर्तमान में मात्र 8 से 10 मजदूरों के सहारे पूरे पशुधन की देखभाल की जा रही है, जो अत्यंत अपर्याप्त है। भोजन-पानी की समुचित व्यवस्था का अभाव है, और शेड की छतों से पानी टपकता है, जिससे वर्षा के समय गायों को काफी दिक्कत होती है। इसके बावजूद गौशाला प्रबंधन ने स्वयं खेती कर हरे चारे की व्यवस्था कर...