फतेहपुर, मार्च 20 -- फतेहपुर/खागा। घर आंगन में फुदकने वाली गौरैया को बस थोड़ी सी जगह चाहिए, आपके घर में व आपके दिल में। हाउस स्पैरो यानी गौरैया जिसे घरों में ही रहने के लिए जाना जाता है, अब हमारे घरों से धीरे धीरे गायब हो रही है। छोटे पौधों और झाड़ियों की कम होती संख्या व मोबाइल टावरों की इलेक्ट्रोमैग्नेटिक किरणें भी नन्हीं गौरैया के लिए मुसीबत बने हुए हैं। पर्यावरण चिंतकों व जैव विविधता के जानकारों का कहना है कि गायब होती गौरैया पर्यावरण में गड़बड़ी का साफ संकेत है, इसे समझना होगा। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि अभी गंभीर प्रयास नहीं होंगे तो आगे गौरैया को देखना मुश्किल हो जाएगा। छोटे छोटे कीट पतंगों व दानों को चुगकर अपना जीवन यापन करने वाली गौरैया के लिए भोजन व आवास की समस्या हो गई है। उसके रहने के लिए न तो अब कच्चे घर हैं और न ही छोटे पौधे ...
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