बागेश्वर, अगस्त 31 -- जिले में गौरा की विदाई के साथ ही दो दिवसीय सातूं-आठूं पर्व का समापन हो गया है। इस दौरान बोहाला व किड़ई गांव में झोड़े चांचरी की धूम रही। स्थानीय कलाकारों ने मंच पर खूब रंग जमाया। इससे पहले महिलाओं ने ब्रत रखकर बिरुड़ों से गौरा और महेश की पूजा की और दुबड़ा धारण किया। महिलाओं ने जमकर भजनों का भी गायन किया। काफलीगैर तहसील के बोहाला के हरज्यू मंदिर में दो दिवसी सातूं-आठूं महोत्सव का आयोजन किया गया। दो दिन तक रात-दिन मंच में कलाकारों ने एक से बढ़कर एक प्रदर्शन किया। लोक कलाकारों ने को देव चडुंल य मासि क फूल, समेत कई गीतों का गायन किया। इस दौरान झोड़ा, चाचरी भी गाई गई। समिति अध्यक्ष हिमांशु असवाल ने बताया कि यहां हर वर्ष यह पर्व मनाया जाता है। बेहतर खेती व पशुपालन के लिए यह पर्व मनाया जाता है। इस मौके पर कोषाध्यक्ष दर्शन म...