नोएडा, अक्टूबर 13 -- गौतमबुद्ध नगर की एडिशनल सेशंस और फास्ट-ट्रैक कोर्ट ने 2020 के दुष्कर्म के एक झूठे मामले में आरोपी व्यक्ति को आईपीसी की धारा 376 (रेप) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत दर्ज आरोपों से बरी कर दिया। इसके साथ ही कोर्ट ने शिकायतकर्ता महिला के खिलाफ कोर्ट में झूठी गवाही देने के लिए सीआरपीसी की धारा 344 के तहत मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है। द टाइम्स ऑफि इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, शिकायतकर्ता महिला ने जुलाई 2020 में एक व्यक्ति सुभाष, उसके भाई राजेंद्र और बहन उधा देवी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। महिला का आरोप था उसका अपहरण कर बंदूक की नोंक पर सुभाष से शादी करने के लिए मजबूर किया गया, जिसने उसके साथ बलात्कार किया। इस मामले की जांच के दौरान रबूपुरा थाना पुलिस को राजेंद्र या उसकी बहन की कोई संलिप्तता नहीं मिली। इसके चलते पुलिस ...