नोएडा, फरवरी 9 -- फरीदाबाद, वरिष्ठ संवाददाता। सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय मेले में गोहाना का जलेबा पर्यटकों में मिठास घोलकर रहा है। मेले में आने वाले नाथूराम हलवाई के जलेबा का स्वाद अवश्य लेते हैं। जलेबा के साथ मिलने वाला बादाम-पिस्ता का दूध जलेबा के स्वाद को कई गुना बढ़ाता है। देशी घी में बनने की वजह से गोहाना का जलेबा को जलेबी से अलग करता है।नाथूराम ने बताया कि जलेबी की अपेक्षा कई गुना बड़ा होने की वजह से इसे जलेबा का नाम दिया गया है। इनका दावा है कि जलेबा को अकेला एक व्यक्ति नहीं पूरा नहीं सकता है। दो से तीन व्यक्ति मिलकर ही इसे समाप्त कर सकते हैं। ---- 250 ग्राम का होता है जलेबा नाथूराम ने बताया कि उनके एक जलेबा का वजन ढाई सौ ग्राम होता है। इस जलेबा को बनाने वाले हलवाई की खासियत यह है कि बिना वजन किए चाशनी चढ़ाने के बाद जलेबा 250 का ही होत...