गोसेवा से पूर्ण होते हैं सभी मनोरथ: आचार्य भारतभूषण
भागलपुर, मार्च 2 -- नवगछिया, निज संवाददाता। धर्मसंघ पीठपरिषद की ओर से शक्तिपीठ तेतरी दुर्गा स्थान में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा सप्ताह के पांचवें दिन भागवत वक्ता आचार्य भारत भूषण जी महाराज ने कहा कि पृथ्वी ही गौ रूप में हमारा पालन करती हैं। परात्पर परब्रह्म परमात्मा ने श्रीकृष्ण के रूप में मथुरा में अवतार लिया किंतु रातों रात गोकुल में आ गए। गोवंश की रक्षा के साथ भगवान श्रीकृष्ण ने गोवंश की सेवा की। गोवंश का रक्त गिरना कलंक है। जहां गोवंश का रक्त गिरता है वहां कोई धर्म और अनुष्ठान फलित नहीं हो पाता है। उन्होंने कहा कि सत्ता के मद में देवराज इंद्र ने भगवान श्रीकृष्ण की उपेक्षा शुरू की तथा ब्रजमंडल में प्रलयंकर वर्षा कराकर भारी भय उपस्थापित कर दिया। भगवान श्रीकृष्ण ने पूरे सात दिनों तक एक ही हाथ से गोवर्धन पर्वत धारण कर समस्त गोवंश, गोपालों औ...
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