गंगापार, जुलाई 30 -- मांडा के गोशालों में साफ सफाई की दशा बेहद खराब होने से गंदगी का अंबार लगा रहता है। बरसात के वजह से गोबर का निस्तारण न होने से मच्छर जनित रोगों से गोशाला में रह रहे तमाम गोवंश ग्रसित हैं। इलाज का भी अभाव है, जिससे गोवंशों की असमय मौत भी हो रही है। देवरी गोशाला में गोवंशों की असमय मौत और अन्य खामियों के मामले में सचिव के निलंबन, प्रधान के वित्तीय अधिकार छिनने और बीडीओ के स्थानांतरण के बाद भी मांडा के पांचों गोशाला अनियमितता व लापरवाही के शिकार हैं। मांडा क्षेत्र में कुल पांच सरकारी गो आश्रय केंद्र हैं, जिनमें मांडा खास में 359, भवानीपुर के देवरी गोशाला में 330, ऊंचडीह उपरौध ग्राम पंचायत के कुशलपुर गोशाला में 174, पियरी में 231 और केड़वर में 189 गोवंश रखे गये हैं। इन गोवंशों के लिए सूखे भूसे का स्टाक ही गोशाला है। चरही म...