गंगापार, अप्रैल 19 -- सरकार द्वारा गोवंशों को राहत देने के लिए बनाई गई गोशालाओं में पशुओं के रहने खाने की कितनी व्यवस्था है और सरकार की यह योजना जमीनी स्तर पर कितनी फलीभूत हो रही है। इसका उदाहरण खूंटा, सिलौधी में बनी गोशालाओं में देखा जा सकता है। सरकारी उपेक्षा क्या होती है। इनको देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है। गोशालाओं में न हरा चारा, न भूसा न चूनी, न चोकर और न ही पर्याप्त पानी है। ऐसे में टैग लगे गोवंश खुले में घूम रहे हैं। जिससे आए दिन वाहनों के टक्कर लगने से उनकी मौत हो रही है। मेजा तहसील में बेसहारा गोवंशों के लिए गोशालाएं बनवाई गई है। आशय यही है कि, बेसहारा गोवंश यहां रहेंगे तो उनको चारा पानी मिलता रहेगा। सड़कों पर इधर-उधर टहलतने से होने वाली हादसे की आशंका भी नहीं बनी रहेगी। उनकी जान जाने का खतरा भी नहीं रहेगा। सरकार ने तो अपना काम ...