आगरा, अक्टूबर 27 -- भागवत कथा सुनने मात्र से मनुष्य के पापों का नाश हो जाता है। ईश्वर इस सृष्टि के कण-कण में विराजमान है, जरूरत है, उन्हें महसूस करने की और पाने की। ईश्वर को पाने का सबसे सरल रास्ता है आत्मियता से उनसे जुड़कर नाम जपते रहना। ये कहना था बल्केश्वर स्थित महालक्ष्मी मंदिर मंदिर में श्री अग्रबंधु सेवा ट्रस्ट की ओर से चल रही भागवत कथा मे व्यास पीठासीन अरविंद महाराज का। श्रीमद्भागवत कथा मे दूसरे दिन सोमवार को शुकदेव कथा, भीम स्तुति, परीक्षित जन्म, कपिल देव आहुति संवाद और श्रष्टि निर्माण क्रम का वर्णन किया गया। शुरूआत गोविंद बोलो हरि, गोपाल बोलो, राधा रमण हरि गोविंद बोलो भजन के साथ हुई। अरविंद महाराज ने कहा कि जब राजा परीक्षित माता के गर्भ में थे। उसी समय अश्वत्थामा ने ब्रह्मास्त्र का प्रयोग परीक्षित की मां उत्तरा के गर्भ पर किया। ...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.