नई दिल्ली, अक्टूबर 20 -- Govardhan Puja 2025: गोवर्धन पर्वत ने एक बार ब्रज के गोप-गोपियों की रक्षा की थी। गोवर्धन पर्वत उठाने की यह घटना तब की है, जब भगवान कृष्ण को आत्मबोध हुआ था। भगवान आत्मबोध होने के बाद एक संकेत की प्रतीक्षा कर रहे थे। जब गुरु गर्गाचार्य ने कृष्ण को याद दिलाया कि वह कौन हैं और उनके जीवन का ध्येय क्या है, तो गोवर्धन पर्वत पर खड़े-खड़े कृष्ण को एक तरह का बोध हुआ। फिर भी, गोकुलवासियों के लिए अपने प्यार के कारण उनका मन अब भी ऊहापोह में था। जो ध्येय अभी बहुत दूर है, क्या उसके लिए उन्हें वाकई यह सब भूल जाना चाहिए, जो वह जानते हैं और जो उन्हें पसंद है? अपने अंदर कहीं वह इसे पक्का करने का एक संकेत ढूंढ़ रहे थे कि उन्हें जो बोध हुआ है, और जो उन्हें याद दिलाया गया है, वह इतना अहम मकसद है कि उसके लिए उन्हें वह सब कुछ भूल जाना चाहि...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.