रामगढ़, सितम्बर 24 -- गोला, निज प्रतिनिधि। शारदीय नवरात्र के अवसर पर गोला व आस पास के समस्त दुर्गा मंदिर वैदिक मंत्रो से गूंज रहा है। शारदीय नवरात्रि के तीसरे दिन पर मां दुर्गा के तीसरे स्वरूप मां चंद्रघंटा की पूजा की गई। पुजारी उमा शंकर पंडित ने बताया कि मां चंद्रघंटा की पूजा करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है। जीवन में सुख, समृद्धि और खुशहाली का आगमन होता है। मां चंद्रघंटा देवी साधकों को धैर्य, ताकत और मन की शांति देती हैं। उन्होंने बताया कि मां के माथे पर आधा चांद होता है, जिसे चंद्रघंटा कहा जाता है। मां के दस हाथ होते हैं, जिनमें अलग अलग हथियार और कमल का फूल होता है। मां का वाहन शेर है, जो साहस और वीरता का निशान है।
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