हाजीपुर, नवम्बर 14 -- गोरौल,संवाद सूत्र। मोंथा तूफान से धान की फसल को भारी नुकसान हुआ है। क्षेत्र के सैकड़ों किसान खेत में ही धान की फसल को छोड़ दिया है। थोड़ा बहुत जो धान की फसल हुई भी है उसकी कोई खरीददार नहीं है। यदि इक्का दुक्का ग्राहक हो भी रहे हैं तो 6 से 8 सौ रुपये क्विंटल दाम लगा रहे हैं। दूसरी तरफ सरकारी स्तर पर धान की खरीदी नहीं होने से भी किसानों में मायूसी देखी जा रही। किसान अपने फसल को तैयार कर रखे हुए हैं, लेकिन कोई भी पैक्स धान की खरीदी नहीं कर रहे हैं। किसान करें तो क्या करें सबसे पहले बारिश नहीं होने के कारण फसल उपजाने में काफी खर्च करना पड़ा। जी-तोड़ मेहनत और साहूकारों से कर्ज लेकर खेती किया। जब फसल तैयार हुआ तो तूफान ने बर्बाद कर दिया। जो थोड़ा बहुत उपज हुई है उसे कोई लेने वाला नहीं है। तैयार धान को चूहा बर्बाद कर रहा है। आज ...
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