वरिष्ठ संवाददाता, नवम्बर 23 -- यूपी के गोरखपुर के डिसेंट अस्पताल में बिना मरीज भर्ती किए ही भुगतान मामले की जांच का आगे बढ़ाते हुए पुलिस ने भटहट के एक डॉक्टर को हिरासत में लिया है। शुरुआती जांच में लगभग 25 फाइलों पर उसके हस्ताक्षर मिलने से बीमा धोखाधड़ी के संगठित नेटवर्क की पुष्टि हुई है। जांच में पता चला है कि भटहट का यह डॉक्टर पहले शहर के डिसेंट अस्पताल में कार्यरत था। इसी दौरान वह उन फाइलों तक पहुंच रखता था, जिन्हें बिना मरीज भर्ती किए ही बिल बनाकर बीमा और आयुष्मान क्लेम के लिए भेजा जाता था। पुलिस को शक है कि क्लीनिक खोलने के बाद भी वह उसी नेटवर्क के संपर्क में रहा और स्टैंप और हस्ताक्षर उपलब्ध कराकर फर्जी क्लेम पास कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता रहा। पुलिस के मुताबिक, डिसेंट अस्पताल में तैयार की गई फाइलों में मरीजों को भर्ती दिखाय...