आलोक ओझा, अक्टूबर 8 -- यूपी के गोंडा जिले में स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) की महिलाएं लगातार नवाचार के माध्यम से नए आयाम गढ़ रही हैं। अब तक तालाबों और जलाशयों के लिए समस्या मानी जाने वाली जलकुंभी, वजीरगंज ब्लॉक की इन महिलाओं के लिए आय का नया साधन बन गई है। महिलाएं जलकुंभी का उपयोग करके विभिन्न प्रकार की सजावटी और उपयोगी वस्तुएं बनाकर अपनी प्रतिभा का बेहतरीन नमूना पेश कर रही हैं। जलकुंभी को आमतौर पर जल प्रदूषण, मच्छर प्रजनन और जल-जमाव का कारण माना जाता रहा है। जिला प्रशासन ने इसे एक समस्या नहीं, बल्कि उद्यम के अवसर के रूप में देखा। इस अनूठी पहल को साकार रूप देने के लिए, जिला प्रशासन ने राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत जलकुंभी से उत्पाद बनाने का प्रशिक्षण शुरू किया। मुख्य विकास अधिकारी अंकिता जैन समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारी इस प्रयास की सरा...
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