आगरा, जून 6 -- अपहरण, गैंगरेप, एससी-एसटी एवं पॉक्सो ऐक्ट के मामले में पीड़िता पूर्व बयानों से पलट गई। उसने कहा कि पूर्व बयान उसने पुलिस के दबाव में दिए थे। आरोपियों ने उसके साथ कोई गलत काम नहीं किया। अदालत ने गवाही से मुकरने पर वादी के विरुद्ध विधिक कार्रवाई के आदेश दिए। साथ ही कोर्ट ने आरोपित दुर्गेश एवं धर्मेंद्र उर्फ धर्मवीर निवासी कागारौल को साक्ष्य के अभाव में बरी करने के आदेश दिए। आरोपियों की ओर से अधिवक्ता विनय गौड़ एवं सचिन कुमार बघेल ने तर्क प्रस्तुत किए कि अभियोजन पक्ष आरोप साबित करने में असफल रहा है। वादी ने थाना शाहगंज में 30 अप्रैल 2019 को अपनी 15 वर्षीया पुत्री के अपहरण के आरोप में आरोपियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया था। दो मई को पीड़िता की बरामदगी के बाद पुलिस ने पीड़िता के चिकित्सीय परीक्षण एवं मजिस्ट्रेट के समक्ष दर्ज क...