गृहस्थ जीवन में भी रहकर भगवान के श्रीचरण कमलों की कर सकते सेवा
बरेली, फरवरी 5 -- रामपुर बाग स्थित आनंद आश्रम में हो रही श्री भक्तमाल कथा के सातवें दिन रविवार को कथा व्यास गौरदास ने नरसी भक्त की कथा सुनाई। बताया कि पूर्व जन्म के मुचकुंद राजा जिन्हें ठाकुरजी ने वरदान दिया कि आप कलियुग में भक्तराज नरसी मेहता के रूप में प्रसिद्ध होंगे और स्वयं भक्ति करते हुए दूसरों को भी भक्ति का दान करेंगे।व्यास ने बताया कि नरसी मेहता को केवल सात दिन की ही भक्ति में भोले बाबा ने दर्शन दिए और अपने साथ श्री वृंदावन धाम ले गये। वहां ठाकुर श्री राधा गोविंद की रासलीला के प्रत्यक्ष दर्शन करवाए। नरसी को अपने जीवन काल में करीब 52 बार श्री ठाकुर जी के प्रत्यक्ष दर्शन हुए। बताया कि नरसी भक्त की कथा से हमे प्रेरणा मिलती है कि संसार में धन अभाव होने से भी गृहस्थ धर्म में रहते हुए भगवान के श्री चरण कमलों की सेवा प्राप्त की जा सकती ह...
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