देहरादून, जुलाई 18 -- जैन आचार्य सौरभ सागर महामुनिराज के मंगल सानिध्य में शुक्रवार को गांधी रोड स्थित दिगंबर जैन पंचायती जैन भवन में सुंदर संगीतमय कल्याण मंदिर विधान किया गया। यह आयोजन 30 जुलाई तक निरंतर चलता रहेगा। विधान में उपस्थित भक्तों ने बड़े भक्ति भाव के साथ 23 वें तीर्थंकर चिंतामणि भगवान पार्श्वनाथ की आराधना की। इस विधान के पुण्यार्जक जैन मिलन परिवार, संजय जैन, ऋतु जैन, अनिल जैन, शैफाली जैन रहे। भगवान पार्श्वनाथ की भक्ति आराधना के सातवें दिन आचार्य सौरभ सागर जी ने कहा कि आराधना ग्रहस्थ जीवन की सबसे बडी साधना है। जिस घर में परमात्मा की आराधना ना हो वह परिवार नास्तिक माना जाता है। इस सृष्टि में आस्तिक लोग भी हैं, तो नास्तिक लोग भी। ईश्वर को मानने ईश्वरवादी भी है तो अनिईश्वर वादी भी लोग हैं। संसार के वैभव का बढ़ना अनिश्वरवादीयों के पा...