गोरखपुर, फरवरी 25 -- ककरही। गोला क्षेत्र के गोला कौड़ीराम रोड स्थित भुअहिया जानीपुर में आयोजित 11 दिवसीय रुद्र महा यज्ञ एवं मूर्ति प्राणप्रतिष्ठा के चौथे दिवस सोमवार को व्यास पीठ से कथा का रसपान कराते हुए कथा वाचक अमर नाथ रामायणी ने कहा कि माता-पिता देवता के रूप हैं, उनका अपमान करना महा पाप है, जो संतान माता-पिता के आज्ञा के अनुसार कार्य करते हैं, वह सर्वश्रेष्ठ हैं। कथा व्यास ने कहा कि गुरु परमात्मा से मिलाने के लिए सेतु का करते हैं। गुरु शिष्य रूपी पत्थर को पारस बना देता है। बिना गुरु के कोई साधना सफल नहीं हो सकती। बिनु गुरु होई न ज्ञान ... कथा को आगे बढ़ाते हुए रामायणी ने कहा कि शास्त्रों में अन्न को ब्रह्मा की उपाधि दी गई है, इस लिए अन्न का कभी अपमान नहीं करना चाहिए। स्वाद का ध्यान रखने वाले का स्वास्थ्य बिगड़ जाता है जिसने स्वाद पर व...