मुंगेर, जुलाई 10 -- मुंगेर, हिन्दुस्तान संवाददाता। संन्यास पीठ पादुका दर्शन में चल रहे गुरु पूर्णिमा कार्यक्रम के चौथे दिन बुधवार को स्वामी निरंजनानंद सरस्वती ने कहा कि इस वर्ष की गुरु पूर्णिमा का विशेष महत्व है। क्योंकि इसका प्रसाद सदगुरु गायत्री है, जो एक सिद्ध मंत्र है। यह गायत्री हमारे गुरु स्वामी सत्यानंद सरस्वती जी की योग भूमि उनकी कर्मभूमि का विशेष प्रसाद है। स्वामी जी ने बताया कि इस गायत्री का जो तीसरा भाग है, तमो सदगुरु प्रचोदयात् , उसका अर्थ है कि सदगुरु हमें यह आशीर्वाद प्रदान करें कि हम आत्मशक्ति के द्वारा शिवत्व को प्राप्त करें और सत्य का अनुसंधान करें। स्वामी जी ने यह भी बताया कि मन का अनुभव हमारे अंदर वसे काम, क्रोध, मद आदि भावनाओं के द्वारा होता है। परंतु मन से भी सूक्ष्म आत्मा होती है। वह आत्मा जो जीवन का आधार है, वह आत्म...