चंदौली, सितम्बर 8 -- चहनिया, हिन्दुस्तान संवाद। सोनहुला गांव में श्रीमद भागवत कथा का आयोजन किया गया है। सप्ताह ज्ञान यज्ञ के अंतिम दिन शनिवार को कथा वाचक राजकुमार पाण्डेय ने कृष्ण सुदामा और कौरव-पांडव प्रसंग पर वर्णन किया। कहा कि प्रेम का अर्थ केवल प्रेमी युगल जोड़े का नहीं है। प्रेम का अर्थ प्रभु श्रीकृष्ण और सुदामा की एक मिसाल बनी है। जो द्वारिकाधिश श्रीकृष्ण से मिलने उनके नगरी में गये तो लोग यह देखकर हंसने लगे कि अपने आप को द्वारिकाधीश को परम मित्र बता रहे है। यहां तक कि द्वारपाल भी लौटा दिये। वे रोते हुए वापस जाने लगे। किसी ने जाकर यह सूचना श्रीकृष्ण को दिया। यह सुन प्रभु बिना चप्पल के ही मित्र मित्र चिल्लाते सुदामा के पीछे दौड़े। जब बीच नगर में प्रभु श्रीकृष्ण और सुदामा को गले मिलते लोगों ने देखा तो आंखों से आंसू निकल गये। इसके बाद श्र...