आरा, अप्रैल 5 -- आरा, एक संवाददाता। भोजपुर के उदवंतनगर प्रखंड के बेलाउर गांव में चल रहे मां काली प्राण प्रतिष्ठातमक शतचंडी यज्ञ की पूर्णाहुति और विशाल भंडारे पर शनिवार को संत फलाहारी बाबा ने कहा कि गुरु वशिष्ट के आज्ञा की अवज्ञा दशरथ जी ने किया था। इसलिए राम का राज्याभिषेक जीते जी नहीं कर पाए थे। रामराज्य की स्थापना राजगद्दी के माध्यम से नहीं व्यास गद्दी के माध्यम से ही संभव है। श्रीराम कथा त्रेता की कथा राम की कथा नहीं बल्कि वर्तमान में रिश्तों की कथा है। यज्ञ के चार चरण होते हैं। यजन, पूजन, हवन और भोजन। अन्नदान दान नहीं महादान है। गरीबों को खिलाने से सबसे ज्यादा पुण्य होता है। भूखे और गरीबों के मुख में भोजन की आहुति देने पर आत्मा से निकला हुआ आशीर्वाद अकाट्य होता है। कथा और संत सत्संग से मनुष्य के अंदर संस्कार का निरूपण होता है। फलाहारी...
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