लखनऊ, अक्टूबर 13 -- गोसाईगंज, संवाददाता। गुरु कृपा मल्लाह के समान होती है। जैसे एक मल्लाह नाव सवार यात्री को आसानी से नदी पार कराता है, वैसे ही गुरु की कृपा से भक्त आसानी से जीवन का सफर पार करते हैं। गोसाईंगंज के शिशु मंदिर इंटर कॉलेज में आयोजित श्री राम कथा में भक्त और भगवान के संबंधों का वर्णन करते हुए यह विचार मानस मर्मज्ञ कथा व्यास पंडित उमाशंकर व्यास जी ने व्यक्त किए। इसके पहले व्यास जी ने माता चतुर्भुजी मंदिर में मत्था टेक कर माता का आशीर्वाद लिया। कथा सुनाते हुए उन्होंने कहा प्रभु श्री राम ने सदा अपने भक्तों की बड़ाई की है। उन्होंने वानरों को अपना सखा कहा और लंका विजय के बाद वानरी को अपने साथ अयोध्या ले गए। प्रभु श्री राम का ये स्वभाव बताता है कि व्यक्ति को हमेशा कृतज्ञ होना चाहिए। कथा व्यास जी ने कहा 'को नहिं जानत है जग में कपि, स...