लोहरदगा, जून 9 -- लोहरदगा, संवाददाता। गुरुकुल शांति आश्रम लोहरदगा में जिस उद्देश्य को लेकर अनाथ,बेसहारा, जनजातीय और पहाड़ी बच्चों को वैदिक और अनौपचारिक शिक्षा दी जा रही है।बच्चे उसे ग्रहण कर रहे हैं। उसकी इस समय देश को सर्वाधिक जरूरत है। उक्त बातें झारखंड के पूर्व मंत्री जमशेदपुर के विधायक और जदयू नेता सरयू राय ने कहीं। वह रविवार देर शाम लोहरदगा शांति नगर स्थित आर्य समाज झारखंड और उत्कल आर्य प्रतिनिधि सभा के संयुक्त तत्वावधान में संचालित गुरुकुल शांति आश्रम में आयोजित अभिनंदन समारोह को संबोधित कर रहे थे। सरयू राय ने कहा कि महर्षि दयानंद सरस्वती ने सनातनियों को एक जुट करने के लिए साकार और निराकार रूप से ईश्वर की पूजा करने को विचार किया। सही अर्थों में दयानंद सरस्वती ने वेद- पुराण का सार्थक ढ़ंग से व्याख्या किया है। समाज और राष्ट्र को एक सा...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.