गुमला, नवम्बर 18 -- गुमला, प्रतिनिधि । खुले में शौच से मुक्ति दिलाने के लिए शुरू हुए स्वच्छ भारत अभियान को एक दशक से अधिक समय बीत चुका है, लेकिन गुमला जिले में यह अभियान अब भी अपने लक्ष्य से काफी दूर है। आज भी ग्रामीण पृष्ठभूमि के लोगों की बड़ी आबादी आज भी खेत,नदी और खुले स्थानों में शौच करने को मजबूर है।जिले में शौचालय निर्माण कार्य 2014 में शुरू हुए पहले फेज से ही भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ता रहा। शौचालय निर्माण में करोड़ों रुपये के गबन-घोटाले सामने आए, जिसमें कई कर्मी सलाखों के पीछे भी पहुंचे। कई पंचायतों और गांवों को बिना शौचालय या अधूरे निर्माण के बावजूद खुले में शौच मुक्त घोषित कर दिया गया। वित्तीय वर्ष 2015-16 से 2019-20 के बीच जिले को कुल 190.24 करोड़ रुपये मिले। जिसमें से 148.64 करोड़ रुपये ग्राम स्वच्छता समितियों को 1,23,869 शौचालयो...