गुमला, अगस्त 29 -- गुमला, प्रतिनिधि। हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद की जयंती पर हर वर्ष राष्ट्रीय खेल दिवस मनाया जाता है। यह अवसर खिलाड़ियों की स्थिति व खेल ढांचे का मूल्यांकन करने का भी है। जिले की तस्वीर साफ करती है कि ग्रामीण स्तर पर खेल प्रतिभा को निखारने के दावे अभी अधूरे हैं। गांवों में खेल मैदान की कमी से नैसर्गिक खेल प्रतिभा उभरने में बाधा आ रही है। दूसरी ओर प्रशासन स्तर पर सुविधाओं के बावजूद खिलाड़ियों को प्रशिक्षित करने के लिए कोच की भारी कमी बनी हुई है। वीर शहीद पोटो हो खेल विकास योजना इसका बड़ा उदाहरण है। योजना का लक्ष्य था कि ग्रामीण क्षेत्रों में खेल मैदान उपलब्ध करा कर खिलाड़ियों को मंच दिया जाए, लेकिन अब तक जिले में इस योजना की प्रगति महज 50.64 फीसदी रही है। जिला प्रशासन के आंकड़ों के अनुसार पहले चरण में 159 और दूसरे चरण में...
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