बिहारशरीफ, जून 30 -- गुप्त नवरात्रि के पांचवे दिन माता छिन्नमस्तका की हुई आराधना पावापुरी, गिरियक और राजगीर में साधकों ने की गुप्त पूजा पावापुरी, निज संवाददाता। आषाढ़ गुप्त नवरात्रि के पांचवे दिन साधकों ने उग्र स्वरूप वाली दस महाविद्या में से एक मां छिन्नमस्तका की विशेष आराधना की। प्राचीन तांत्रिक परंपरा के अनुसार मां छिन्नमस्तका की पूजा से आत्मबल, अदृश्य शत्रु नाश और कुंडलिनी जागरण की सिद्धि प्राप्त होती है। पंडित धनंजय उपाध्याय ने बताया कि सोमवार को तंत्र-साधना के इस विशेष अवसर पर मंदिरों और साधना स्थलों में दिनभर जाप, हवन और विशेष अनुष्ठानों का आयोजन हुआ। पावापुरी, गिरियक और राजगीर क्षेत्र में कई साधकों ने गुप्त रूप से माता छिन्नमस्ता का पूजन कर उन्हें रक्तवर्णी पुष्प, सिंदूर, लाल फल और विशेष नैवेद्य अर्पित किया। मां की मूर्ति के सामने...