भभुआ, मार्च 22 -- बीसवें रोजे के मगरिब से चांद की रात तक मस्जिद में रहकर करेंगे एतकाफ आखिरी अशरे में पांच ऐसी रात होती है जिसमें करते हैं शब ए कद्र की तलाश 03 अशरा होता है रमजान माह में (पेज चार की बॉटम खबर) भभुआ, कार्यालय संवाददाता। रमजान का तीसरा अशरा 21 मार्च से शुरू हो गया। इसके साथ ही रोजेदारों ने गुनाहों की माफी के लिए अल्लाह-तआला की इबादत में मशगूल हो गए। कहते हैं कि इस अशरे में इबादत करने से जन्नत नसीब होती है। इसमें इबादत करने से लोगों के गुनाह माफ हो जाते हैं। अल्लाह भी इबादत करने वालों के लिए जन्नत के द्वार खोल देते हैं। इसी अशरे में एतकाफ भी किया जाता है, जो गुनाहों के माफ होने का एक बड़ा जरिया है। रमजान में 20वें रोजे के मगरिब से शुरू होकर चांद की रात तक मस्जिद में रहकर अल्लाह की इबादत करने को एतकाफ कहते हैं। मोहनियां के मदरसा...
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