सीवान, अक्टूबर 29 -- गुठनी, एक संवाददाता। मनुष्य ने भले ही जमीन पर लकीर खींच कर अपनी अपनी सीमाओं का रेखांकन कर लिया हो। लेकिन वैदिक सनातन संस्कृति से वह बिल्कुल करीब दिखता है। ये नजारा प्रखण्ड मुख्यालय स्थित गोला घाट, तिरबलुआ, सोहगरा और सोनहुला घाट पर दिखाई देता है। जहां दो राज्य बिहार और यूपी की सीमा एक दूसरे को छूती है। बस फर्क इतना है कि दोनो राज्यों के बीच बहने वाली सरयू नदी (घाघरा) इनको अलग अलग करती है। प्रखण्ड मुख्यालय में सोमवार को जहां छठ पर्व के अंतिम दिन उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया गया। उस समय का नजारा देखते ही बन रहा था। एक तरफ यूपी के चुरिया, नदौली, मानिकपुर, मायापुर, रोपन छपरा, गांव के लोग सूर्य को अर्घ्य दें रहे थे। ठीक दूसरी तरफ घाट पर खड़े प्रखण्ड मुख्यालय के गुठनी पूर्वी, गुठनी पश्चिमी, बलुआ, तिरबलुआ, सोनहुला, सोहगरा गा...